सोमवार, 21 मई 2012

Saraswati Vandna By Surya Kant Tripathi Nirala







वर दे  वीणा वादिनी वर दे ,
प्रिये स्वतंत्र रव अमृत मंत्र रव,
भारत में भर दे, 
वर दे वीणा वादिनी वर दे...

नव गति नव लय ताल छंद नव नवल कंठ नव 
जलद मंद्र रव नव नभ के नव विहग वृन्द को
 नव पर नव स्वर दे 
वर दे वीणा वादिनी वर दे ....


काट उर के बंधन सब बहा जननी 
ज्योतिर्मय निर्झर 
कलुष वे तम हर प्रकाश वश 
जगमग जग कर दे 
वर दे वीणा वादिनी वर दे ...

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